Duration 4:26

Mahabharat :-जानें कैसे हुई गंधारी, कुंती और धृतराष्ट्र की मौत..

115 335 watched
0
1.3 K
Published 17 Jun 2019

महाभारत के युद्ध के समय युधिष्ठर राजा बन गए। युद्ध के बाद युधिस्ठर विदुर को अपना मंत्री बनाना चाहते थे लेकिन विदुर ने उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। गांधारी पुत्रों के वियोग में और कुंती पौत्रों के वियोग में हमेशा दुखी रहा करती थी, युद्ध के बाद धृतराष्ट्र का एकमात्र पुत्र युयुत्सु जीवित था। लेकिन भीम उसे रोज नए ताने मारता था, क्योंकि दुर्योधन की हर साजिश का पता धृतराष्ट्र को था। भीम के रोज के तानो से धृतराष्ट्र का मोह खत्म होता रहा था जिसके बाद उसने गंधारी, कुंती और विदुर ने वन में तपस्या करने की ठानी और चारो वन में चले गए। वहीं सब ने तपस्या की और वहीं रहने लगे। राजसी जीवन से वनवासी की तरह जीवन यापन करने से इनका बुढ़ा शरीर कमजोर होने लगा। एक साल बाद जब युधिष्ठर उनसे मिलने गए तो धृतराष्ट्र कुंती और गंधारी उससे मिलकर बड़े प्रसन्न हुए, लेकिन आश्रम में विदुर न थे वो एक पेड़ के निचे तप्स्या कर रहे थे और जब युधिष्ठर उनसे मिलने पहुंचे तो उनके प्राण निकल गए और उनकी आत्मा युधिस्ठर में समा गई। एक दिन संयोगवश वन में आग लग गई। सभी लोग अपनी-अपनी जान बचाकर भागने लगे। धृतराष्ट्र भी गांधारी और कुंती के साथ भागे लेकिन कमजोर शरीर के कारण यह अधिक भाग नहीं सके और वन की आग में घिर गए। जब युधिष्ठर अपने पूर्वजों से मिलने पहुंचे तो उन्हें पता चला की वन में भीषण आग लगने से गंधारी, कुंती और धृतराष्ट्र मर चुके हैं। ये जान युधिष्ठर को दुःख हुआ और कृष्ण के वैकुण्ठ चले जाने पर पांडवो ने भी स्वर्गगमन की राह ली। #Mahabharat #DhritrastraDeath #KuntiDeath

Category

Show more

Comments - 60